"मत काट, परिंदे रोते हैं!"

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नव  पल्लव , तरुगण  डोल  रहे , कटु  जीवन में  मधु    घोल  रहे , वन , विटप - लता, तृण - हरियाली - श्रृंगार  धरा  के  होते   हैं  ! ...

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